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Showing posts from January, 2024

मेरे राम

जो भी हो परिणाम मगर मैं सत्य कहूंगा, भीड़ में नफ़रत की नेकी के साथ चलूँगा l ज्ञात नहीं है कितने रावण हैं दुनियाँ में, हाँ मैं लेकिन अपने घर का राम बनूँगा l -नितिन प्रताप सिंह 

Volatile life

ये कहाँ मुमकिन कि हर दिन ज़िंदगी सीधी चले, अनगिनत हैं मोड़ रास्तों में जो मंजिल ले चले l आज खुशियों की बहारें हैं मगर पर जान लो, हो भी सकता है कि कल से गम की एक आंधी चले l -Inspired by volatility in life -Nitin Pratap Singh