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Showing posts from July, 2024

Acceptance of Susceptible Circumstances

बड़े से भी बड़ा इंसान परेशान हो ही सकता है, दिखाता राह औरों को वो रस्ता खो भी सकता है,  समझदारी भरा इंसान कभी तो रो ही सकता है,  भरोसा बाँटने वाले को धोखा हो भी सकता है, Nothing is permanent, change is the only constant -नितिन प्रताप सिंह 

Economics of fragile friendship

बेरोजगारी में भी जिनके होने से बेगैरत न थी,  आज कमाई ने हमसे वो शख्स छीन लिए, -नितिन प्रताप सिंह